परमात्मा जिसे मारते हैं उसे तारते भी है/ संगीतमयी श्रीराम कथा

बस्ती  रावण एक प्रवृत्ति है उसके अंत के लिये श्रीराम की शरण लेना पड़ता है ॥ जनम-जनम मुनि जतन कराही। अन्त राम कहि आवत नाहीं।। साधारण मनुष्य और परमात्मा में यही अन्तर है कि परमात्मा जिसे मारते हैं उसे तारते भी हैं ॥ श्रीराम अति सहज है। निर्मल मन जन सो मोहि पावा ॥ मोहि कपट छल छिद्र न भावा ॥ वे शरणागत की रक्षा करते हैं ॥ रावण के अत्याचारों से त्रस्त होकर विभीषण जब श्रीराम के शरण में आये तो उन्होने विभीषण को गले लगा लिया ॥ यह सद् विचार कथा व्यास रघुबीरदास ने नारायण सेवा संस्थान ट्रस्ट द्वारा आयोजित 9 दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा दुबौलिया बाजार के राम विवाह मैदान में कथा को विश्राम देते हुये व्यक्त किया ॥
महात्मा जी ने कहा कि राम वियोगी का जीवन कैसा होना चाहिये इसका आदर्श जगत के समक्ष भरत ने प्रस्तुत किया ॥ ‘‘सुनहुं उमा ते लोग अभागी। हरि तज होहिं विषय अनुरागी॥जब तक ईश्वर से जीव की मैत्री नहीं हो जाती जीवन सफल नहीं होता ॥ कृष्ण और काम, राम और रावण एक साथ नहीं रह सकते ॥ रामचन्द्र जी ने सुग्रीव को अपना मित्र बनाया क्योंकि सुग्रीव को हनुमान जी ने अपनाया है ॥

 

परिषदीय विद्यालय के वार्षिकोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम

बस्ती। परिषदीय विद्यालय गणेशपुर द्वितीय में वार्षिक उत्सव उल्लास के साथ मनाया गया ॥ विद्यालय केे छात्र-छात्राओ ने रोचक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर संदेश दिया ॥
कार्यक्रम में मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप – प्रज्वलन एवं माल्यार्पण राजेश पाठक ने किया। बच्चों ने सरस्वती वंदना,नुक्कड़ नाटक ,चौपाल और विविध प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत कर अतिथियों, अभिभावकों एवं ग्राम वासियों का दिल जीत लिया ॥
कार्यक्रम में ड्रॉप आउट बच्चे जो शिक्षा की मुख्य धारा में जुड़े तथा नियमित उपस्थिति समेत कई मेधावी बच्चों को तथा उनके अभिभावकों को जनपदीय उपाध्यक्ष एवं सदर ब्लाक के अध्यक्ष शैल शुक्ला और संगठन के पदाधिकारियों द्वारा पुरस्कृत किया गया ॥
अध्यक्षीय उद्बोधन में शैल शुक्ला ने कहा कि ऐसे अनेक उदाहरण और सराहनीय पहल हमारे विद्यालय परिवार के द्वारा ब्लॉक स्तरीय समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं, और कहीं न कहीं ऐसे कार्यक्रम से बच्चों में जागरूकता के साथ साथ काफी कुछ सीखने और करने के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं ॥