by Lal Mohammed circle news 24
समाचार बस्ती आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजनान्तर्गत कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) की मण्डल स्तरीय कार्यशाला आयुक्त सभागार में सम्पन्न हुयी, जिसमें प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ‘एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था‘ के रूप में स्थापित करने में ‘उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादन संगठन नीति 2020‘ एक सशक्त साधन के रूप में स्थापित की गई ॥ कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि जेडीसी पी.के. शुक्ला ने कहा कि इस नीति की मूल अवधारणा प्रदेश के किसान को कृषक उद्यमी के रूप में संगठित करना है। कृषक उत्पादक संगठन का मुख्य उद्देश्य निर्माता के लिए स्वयं के संगठन के माध्यम से बेहतर आय सुनिश्चित करना है ॥
संयुक्त निदेशक कृषि अविनाश चन्द्र ने कहा कि एफ.पी.ओ. का उद्देश्य लघु एवं सीमान्त किसानों को एक मंच प्रदान करना, जहाँ वे संगठित रूप से कार्य कर अन्य उत्पादों की तरह लाभ अर्जित कर सकें ॥ उन्होने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एफ पी ओ के गठन, संचालन तथा उनके विभिन्न कार्यो के लिए अनुदान पर आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है ॥ उन्होने बताया कि कार्बन से सुरक्षा के लिए तेजी से बढने वाले वृक्ष मेड़ो पर लगाये जा सकते है ॥
उन्होने बताया कि एक एफ .पी ओ में कम से कम 150 सदस्य हो सकते है ॥एफ पी ओ को फार्म मशीनरी बैंक, खाद-बीज, यंत्र का लाइसेंस दिया जायेंगा। एफ पी ओ द्वारा बीज उत्पादन करने पर 01 करोड़ रूपये पर अधिकतम 60 लाख रूपये तक अनुदान दिया जाता है ॥एफ .पी ओ द्वारा उत्पादित बीज, बीज विकास निगम खरीदता है। एफपीओ धान, गेहूॅ क्रय केन्द्र भी खोल सकते है ॥डीडीएम नाबार्ड मनीष कुमार ने एफपीओ पंजीकरण एवं उनके क्रियाकलापों की जानकारी दिया।
लखनऊ कृषि निदेशालय से आये तकनीकी हेड अनिमेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के सभी एफ पी ओ को शक्ति पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण के बाद एफ पी ओ को कृषि से संबंधित सभी योजनाओं की जानकारी, ई-बाजार, मण्डी भाव, इनपुट की जानकारी तथा एफ पी ओ की ग्रेडिंग एवं रैंकिंग ज्ञात हो सकेंगी। इसके आधार पर बैंक एफ पी ओ को उनकी व्यवसायिक गतिविधियों के लिए लोन आसानी से दे सकेंगे। प्रत्येक एफ पी ओ सेवा, उत्पाद तथा व्यापार के क्षेत्र में कार्य करके किसानों को विचौलियों से बचा सकता है ॥
पर्यावरणविद बी.एन. पाण्डेय ने बताया कि अच्छी खेती के लिए पराली प्रबंधन, मृदा परीक्षण, कम्पोस्ट खाद का उपयोग, फसल चक्र अपनाने तथा कृषि वानिकी के साथ-साथ समयबद्ध कृषि कार्य अनिवार्य है ॥ कुशीनगर से आये प्रावधान एफ पी ओ के अध्यक्ष अंशुमान उपाध्याय ने श्री अन्न के प्रासेसिंग एवं उससे जुड़े यंत्र की जानकारी दिया ॥ केवीके बस्ती के वैज्ञानिक डा. प्रेमशंकर ने बताया कि बटन मशरूम के लिए गुणवतापूर्ण कम्पोस्ट खाद तैयार करना आवश्यक है।
अयोध्या के विपणन अधिकारी डा. शशि कान्त सिंह ने उ0 प्र0 कृषि निर्यात नीति 2019 के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। उन्होने बताया कि बस्ती मण्डल में काला नमक चावल, सिद्धार्थनगर तथा संत कबीर नगर में केला तथा बस्ती जनपद के लिए हरी सब्जियों को जीआई टैग प्राप्त है ॥ उन्होने इसका अधिक से अधिक कलस्टर बनाकर खेती करने का सुझाव दिया। मुख्य प्रबंधक यूको बैंक अयोध्या क्षेत्र विक्रान्त त्यागी ने बताया कि यूको बैंक के माध्यम से पूर्वांचल के 16 जिलों में एफ पी ओ को ऋण देने का कार्य किया जाता है ॥उप निदेशक उद्यान खाद्य प्रसंस्करण नीति के बारे में जानकारी दिया। उप निदेशक बीज प्रमाणीकरण ने बताया कि बीज उत्पादन के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है ॥
कार्यशाला का संचालन जिला कृषि अधिकारी डा. राजमंगल चौधरी ने किया। उन्होने बताया कि कृषि के साथ-साथ उद्यान, पशुपालन, रेशम, दुग्ध पालन, मत्स्य पालन, गन्ना सहित 17 विभाग एफ पी ओ के माध्यम से किसानों को लाभान्वित कर सकते है। कार्यशाला में उप कृषि निदेशक अशोक कुमार गौतम, अरविन्द कुमार विश्वकर्मा, सहायक आयुक्त गन्ना रंजीत कुमार निराला, यूको बैंक प्रबंधक श्रीमती स्वर्णा त्रिपाठी, एफ पी ओ के निदेशक राममूर्ति मिश्रा, शिव चन्द्र दुबे, वीरेन्द्र कुमार, घनश्याम तथा बस्ती, सिद्धार्थनगर व संत कबीर नगर के विभागीय अधिकारी एवं एफ पी ओ के निदेशक उपस्थित रहें ॥