आखिर कब होगा मनरेगा के भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई, ब्लॉक मुख्यालय के मुख्य अधिकारी क्यों बने हैं मूकदर्शक, बना है बड़ा सवाल,

by Lal Mohammed circle news 24

समाचार बस्ती जनपद के विकासखंड रुधौली ग्राम पंचायत डुमरी में लगातार भ्रष्टाचार का बढ़ावा मिल रहा है ॥आपको बताते चले अभी कुछ दिन पूर्व भ्रष्टाचार में लिप्त प्रधान व रोजगार सेवक के मिली भगत से बिना मजदूरों के पुराना फोटो अपलोड करने के कारण उच्च अधिकारियों के संज्ञान लेने के बाद मास्टर रोल को जीरो कर दिया गया था ॥ लेकिन कुछ ही दिनों बाद इस कार्य पर कुछ मजदूर लगाकर लगातार लगभग 100 मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी लग रही थी ॥ग्रामीणों के मुताबिक यह कार्य कई दिन पूर्व हो चुका है फिर भी रोजगार सेवक के मिली भगत से फर्जी तरीके से हाजिरी लगाई जा रही हैं। मीडिया टीम के पड़ताल में 2 फरवरी को मौके पर जाकर स्थानीय लोगों से बयान भी लिया गया ॥ लोगों ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा दो साइडों पर कुल लगभग 12 से 15 मजदूर से प्रतिदिन कार्य करवा रहे हैं। 3 फरवरी को भी 7 मास्टर रोल में कुल 58 मजदूर की फर्जी हाजिरी कंपोजिट विद्यालय के पुल से पुरैना सरहद तक नहर की पटरी पर मिट्टी पटाई कार्य के रूप में ऑनलाइन हाजिरी लगवाया जा रहा है ॥जबकि दूसरी साइड पर डुमरी सरहद के पुल से मझौआ सरहद तक नाला खुदाई का कार्य में कुल 4 मास्टर रोल पर 35 मजदूर कार्य करने की हाजिरी लगाई जा रही है। जो पूरी तरह से फर्जी है ॥
ग्राउंड रिपोर्टिंग पर पहुंची मीडिया टीम द्वारा में लगभग एक सप्ताह पूर्व ही नाला खुदाई के कार्य पूर्ण पाया था महज फोटो खिंचवाकर फर्जी तरीके से भुगतान लेने की तैयारी ग्राम प्रधान और सचिव के मिली भगत से हो रही है ॥
इसके पहले भी डुमरी ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित हो चुकी है जिसको अधिकारियों संज्ञान लेकर उसे पर कार्यवाही करते हुए लगभग 4 से 5 लाख रुपए का मास्टर रोल जीरो किया था ॥

आज भी भ्रष्टाचार में लिप्त रोजगार सेवक और प्रधान के मिली भगत से रिमझिम बरसात में भी लगभग 93 मजदूरों की हाजिरी लगाई गई है ॥
यही नहीं इसके अलावा भी कई पत्रकार भी चंद पैसों के लालच ग्राम प्रधान को परेशान कर पैसा लेकर चंपत हो जाते हैं। जिससे प्रधान भी भय मुक्त हो जाता है, ऐसे में पत्रकारों की भी भूमिका पर अब सवाल उठने लगा है। कुछ खुद को बड़े बैनर के पत्रकार कहने वाले की तो हद हो गई है जो चापलूसी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते और उनके आस पास जाकर हजार – पांच सौ रुपए में जी हुजूरी करते हैं।

इस प्रकरण में जब ग्राम पर विकास अधिकारी फ़ैज़ अहमद से वार्ता करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं उठा ॥