जिलाधिकारी के अध्यक्षता मेंतहसील समाधान दिवस हुआ संपन्न

by Lal Mohammed circle news 24

सम्पूर्ण समाधान दिवस जिलाधिकारी अंद्रा वामसी व पुलिस अधीक्षक गोपाल कृष्ण चौधरी की अध्यक्षता में तहसील सदर सभागार में सम्पन्न हुआ ॥ दोनों अधिकारियों ने आये हुए फरियादियों की छोटी-बड़ी समस्याओं को गम्भीरता पूर्वक सुना और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि फरियादियों की समस्याओं को निष्पक्ष व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें ॥ यह भी सुनिश्चित करे कि निस्तारण किये गये प्रकरण से फरियादी भी संतुष्ट हों ॥
उप जिलाधिकारी गुलाब चन्द्र ने बताया कि सम्पूर्ण समाधान दिवस में कुल 68 मामले आयें, जिसमें से मौके पर 11 का निस्तारण किया गया। इसमें राजस्व के 22, पुलिस के 12, विकास के 8 तथा अन्य विभागों से 15 मामले आयें। जिला स्तरीय सम्पूर्ण समाधान दिवस में सीएमओ डा. रमा शंकर दुबे, जिला विकास अधिकारी संजय शर्मा, पीडी राजेश झा, उप निदेशक कृषि अशोक गौतम, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. अमर सिंह, क्षेत्राधिकारी पुलिस विनय सिंह चौहान, जिला विद्यालय निरीक्षक जगदीश शुक्ला, बीएसए अनूप तिवारी, जनपद स्तरीय अधिकारी तथा क्षेत्रीय खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित रहे ॥
इसके पश्चात् जिलाधिकारी बस्ती अंद्रा वामसी ने तहसील समाधान दिवस के मौके पर रु धौली पहुंचकर फरियादियों की समस्या सुनी और लोगों को निष्पक्ष तरीके से न्याय दिलाने के लिए उप जिलाधिकारी रुधौली  को निर्देशित करते हुए तुरंत कार्रवाई करने को कहा है ॥

1 वर्ष से कम समय सीमा के बहस में लगे मुकदमों पर डेट लगाने में उदार दृष्टिकोण अपनाने के लिए जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देशित किया है ॥ शुक्रवार की सायं कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित सभी मजिस्ट्रेट/पीठासीन अधिकारियों तथा सभी बार के अध्यक्ष एवं महामंत्री के साथ संयुक्त बैठक में जिलाधिकारी ने उक्त निर्देश दिया है ॥उन्होंने कहा है कि 1 वर्ष से कम समय सीमा के बहस के मुकदमों में एक दिन के अंतराल पर तिथि लगाई जाएगी तथा एक वर्ष से पुराने लंबित मुकदमों में 3 से 5 दिन की तिथि लगाई जाएगी। यदि अधिवक्ता द्वारा अगले दिन की तिथि का मांग किया जाता है, तो अगले दिन की तिथि लगाई जाएगी ॥
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि सभी पीठासीन अधिकारी अविवादित वाद पत्रावलियों का अतिशीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि निर्धारित समय के उपरान्त वाद पत्रावली लंबित पाए जाने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी पीठासीन अधिकारी एवं पेशकार की होगी ॥ बैठक में अधिवक्ताओ द्वारा न्यायालय कार्य के संचालन में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया गया तथा यह भी आश्वासन दिया गया, कि 1 वर्ष से पुराने वाद पत्रावलियों के निस्तारण में अधिवक्ता गण मनोयोग से कार्य करेंगे ॥
बैठक में अधिवक्तागण द्वारा मुद्दे उठाये गये कि धारा 32, 38 एवं 24 की वाद पत्रावलियों को बिना दर्ज किए संबंधित न्यायालयों द्वारा रिपोर्ट के लिए भेज दिया जाता है, जिससे रिपोर्ट आने की समीक्षा नही हो पाती ॥ वाद पत्रावलियों में मौका प्रार्थना पत्र देने पर न्यायालय के पीठासीन अधिकारियों द्वारा उसे वाद पत्रावली में नही रखा जाता ॥ एक तिथि की पत्रावली में दुसरे दिन की तिथि लगा दी जाती है, जिससे अधिवक्ताओं को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है तथा मुकदमों में बहस की तैयारी नही हो पाती ॥ अविवादित पत्रावलियों का निस्तारण संबंधित न्यायालयों द्वारा समय से नही किया जा रहा है, जिनका शीघ्र निस्तारण कराया जाय ॥
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि किसी अधिवक्ता द्वारा वाद पत्रावली में मौका का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जाता है, तो संबंधित पीठासीन अधिकारी उसे पत्रावली में शामिल मिसिल करेंगे ॥ तथा प्रार्थना पत्र पर उचित आदेश पारित करेंगे। धारा 32, 38 एवं 24 के प्रस्तुत मुकदमों को वाद रजिस्टर में दर्ज करने के उपरांत ही आख्या के लिए भेजा जाएगा। समय से आख्या पत्रावली में दाखिल कराए जाने का उत्तरदायित्व संबंधित न्यायालय के पीठासीन अधिकारी का होगा। बैठक में अपर जिलाधिकारी कमलेश चंद्र, सी आर ओ ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट शाहिद अहमद, उप जिला अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित समस्त विभागीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे ॥