माता-पिता ही भगवान है/सेवानिवृत्ति सीडीओ

by , Lal Mohammed circle news 24

26 नवंबर 1949 में भारतीय संविधान सभा की ओर से संविधान को अंगीकार किया गया था। संविधान दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत साल 2015 से की गई। 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार किए जाने के बाद देश में इसे लागू करने में कुछ महीने का वक्त लगा। 26 जनवरी 1950 को संविधान पूरी तरह से लागू कर दिया गया ॥ इसी क्रम में जय माता रानी श्री मती इन्द्रावती इण्टर कॉलेज करमहिया रुधौली बस्ती में संविधान दिवस व डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर के जीवनी पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण किया गया जिसमे मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त सीडीओ हुबलाल रहे। मुख्य अतिथि द्वारा प्रतिभागियों को शील्ड, प्रशस्ति पत्र व मेडल देकर प्रोत्साहित किया गया। मुख्य अतिथि ने कहा कि माता पिता ही ईश्वर है। हमे प्रतिदिन माता पिता का आशिर्वाद लेना चाहिए, जिस तरह से देश व समाज को चलाने के लिए संबिधान की आवश्यकता होती है उसी तरह जीवन को भी जीने के लिए कुछ नियम है ॥ सर्व प्रथम हमे समय का पालन करते हुए अनुशासित रहना चाहिए। कॉलेज के प्रधानाचार्य राज आर्या ने कहा कि इस तरह के प्रतियोगिता का आयोजन इस लिए कराया जाता है कि ताकि बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु तैयार किया जा सके ॥ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि सुनील शुक्ला ने कहा कि प्रतियोगिता से बच्चों के कुशलता में निखार आता है ॥ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान नेहा, सादिया, रुचि द्वितीय स्थान काजल शुक्ला, रेशू, अर्चना एवं तृतीय स्थान साधना , खुशी चौधरी, कंचन गुप्ता का रहा। इस दौरान, आर सी सुमन, सत्यराम चौधरी, राजमन चौधरी, नवीन सिंह, रीना शुक्ला, शशि द्विवेदी, प्रतिमा गौतम, सरिता आर्या, डब्लू आर्य, रागिनी त्रिपाठी, पवन राव, महेंद्र कुमार, दीपक, जावेद, राजेश चौधरी, अमित उपाध्याय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे ॥