दहेज हत्या के आरोप में पिता व पुत्र हुए दोष मुक्त

समाचार रुधौली थाना क्षेत्र के पचारी खुर्द गांव में 8 अक्टूबर 2020 को एक विवाहिता द्वारा जहर खाने से मौत हो गई थी। जिसमें मृतक के परिजनों द्वारा मदनेश कुमार द्विवेदी उर्फ गोपाल पति, किशन देवर,अनन्तधर द्विवेदी ससुर,ननद तथा देवर प्रहलाद द्विवेदी पर दहेज मांगने का आरोप लगा था। इसके बाद रुधौली थाने पर 498A,304B आईपीसी तथा 3/4 डीपी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। रुधौली पुलिस ने दौरान विवेचना सिर्फ मदनेश कुमार द्विवेदी तथा उनके पिता अनन्तधर द्विवेदी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। बस्ती सत्र न्यायालय ने मदनेश तथा उनके पिता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा उनको जमानत पर रिहा किया गया था। इसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश बस्ती के न्यायालय में ट्रायल जारी रहा। 13 फरवरी 2025 को अपर सत्र न्यायालय बस्ती द्वारा सभी पक्षों को सुनते हुए अपना निर्णय दिया गया। जिसमें अभियुक्त मदनेश कुमार द्विवेदी तथा उनके पिता अनन्तधर द्विवेदी को दोषी न पाते हुए दोनों लोगों को दोष मुक्त करार दिया। न्यायालय ने पाया कि मृतका ने अवसाद के चलते आत्महत्या‌‌ की थी। विवाह के पूर्व से उसका इलाज केजीएमयू लखनऊ में चल रहा था। जिसको छिपाकर मृतका का विवाह अभियुक्त मदनेश से कर दिया गया था। मृतका सिजोफ्रेनिया जैसी बीमारी से ग्रसित थी। मृतका के पिता द्वारा एक अन्य स्थान पर मृतका का विवाह तय किया गया था लेकिन लड़के वालों को उनकी पुत्री मृतका की मानसिक विक्षिप्ता की जानकारी हो गई और शादी से इनकार कर दिया था। तब मृतका के पिता के द्वारा उनके विरुद्ध दहेज मांगने का मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया था, जो आज भी न्यायालय में विचाराधीन है।
न्यायालय ने पाया कि अभियुक्त मदनेश तथा उनके पिता द्वारा किसी प्रकार से प्रताड़ना नहीं की गई थी ना ही किसी प्रकार की दहेज की मांग की गई थी।
आरोपों से बरी होने के बाद मदनेश तथा उनके परिवार में खुशी का माहौल है। देवर किशन ने बताया कि उनको भारतीय न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था कि उनके साथ न्याय होगा। उन्होंने बताया कि इसे न्याय की लड़ाई में अधिवक्ता रमन पांडेय तथा अधिवक्ता जे बी सिंह का विशेष योगदान रहा ॥