समाचार बस्ती आचार्य नरेंद्र कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती पर पूसा बौना काला नमक उत्पादन कृषक परिचर्चा एवं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. ए. के. सिंह पूर्व निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा नई दिल्ली रहे। इस अवसर पर डॉक्टर एके सिंह ने पूसा बौना काला नमक के बारे में बताया कि अन्य पुराने काला नमक धान की अपेक्षा बौना काला नमक में और आयरन जिंक एवं प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है एवं विपरीत मौसम में कम लंबाई होने के कारण इसकी लॉजिंग नहीं होती है। इसका चावल खुशबूदार एवं मुलायम होता है। इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 से 45 कुंतल तक लिया जा सकता है एवं यह 140 से 145 दिन में पककर तैयार हो जाता है। अपने विशिष्ट गुना के कारण जनपद बस्ती में अन्य काला नमक की प्रजाति अपेक्षा बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। साथ में आई हुई वैज्ञानिक हरिथा बोली नेद्दी ने काला नमक के उत्पादन की विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष प्रोफेसर एस एन सिंह ने काला नमक को जी आई टैग एवं इसके बाजार प्रबंधन पर किसानों से चर्चा की। उन्होंने बताया काला नमक चावल बाजार में किसान भाई आसानी से रू. 90 से 100 प्रति किलो की दर से बेच रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी में इजाफा हो रहा है। डॉ पी के मिश्रा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान भाईयो को हाइब्रिड धान को ना बोते हुए काला नमक धान का उत्पादन करना चाहिए।
केंद्र के शस्य वैज्ञानिक हरिओम मिश्रा ने काला नमक वैज्ञानिक तकनीक के बारे में विस्तृत चर्चा की। केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर वी बी सिंह काला नमक के अनुवांशिक गुणों के बारे में चर्चा करते हुए किसानों से कहा यदि किसान भाई अपनी आमदनी धान से बढ़ाते हैं, तो उनको अन्य काला नमक छोड़कर पूसा बौना काला नमक को उत्पादित करना होगा।
केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक आर बी सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि काला नमक की पैकेजिंग ग्रेडिंग कर किसान भाई स्वयं बिक्री करें और अधिक से अधिक आमदनी प्राप्त करें। पौध सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ प्रेम शंकर ने काला नमक में लगने वाले कीट बीमारियों के लक्षण एवं प्रबंधन के बारे में विस्तृत चर्चा की। केंद्र की ग्रह वैज्ञानिक डॉक्टर अंजलि वर्मा ने काला नमक भंडारण तकनीक के बारे में चर्चा की। इस कार्यक्रम में जनपद के काला नमक उत्पादक 87 कृषकों ने प्रतिभाग किया ॥
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