समाचार राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में आज बुधवार को, उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बस्ती कुलदीप सक्सेना के निर्देशानुसार अनिल कुमार -XIV, अपर जिला जज /पूर्णकालिक सचिव , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,बस्ती के द्वारा दोपहर अपरान्ह 12 बजे से, विधान से समाधान कार्यक्रम के अन्तर्गत ब्लॉक साऊघाट, बस्ती के सभागार में महिलाओं को जागरूक किये जाने हेतु महिलाओं के हित व विधिक जागरूकता कार्यक्रम/शिविर का आयोजन किया गया। उपरोक्त शिविर के मुख्य उद्बोधन में अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बस्ती ने संविधान में महिलाओं के मौलिक अधिकार एवं संवैधानिक उपचार पर विस्तार से जानकारी दी। यह भी कहा कि संविधान में महिलाओं को समानता का दर्जा प्राप्त है। संविधान प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय प्रदान करती है, इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। जिससे वे स्वयं व दूसरे लोगों की मदद कर सके। उक्त जागरूकता कार्यक्रम / शिविर हेतु नामित रिसोर्स पर्सन सुमन चौरसिया एड० व स्नेहिल एड० ( रिसोर्स पर्सन , ने दहेज अधिनियम के तहत दहेज उत्पीड़न महिलाओ के खिलाफ अपराध जैसे एसिड हमला, बलात्कार,अपहरण, यौन हमला,मानव तस्करी, क्रूरता के खिलाफ विधिक उपचारों के बारे में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया। श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री इकबाल अहमद द्वारा उक्त कार्यक्रम में महिलाओं को लेबर लॉ से सम्बन्धित जानकारी प्रदान किया गया उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि भारतीय संविधान एवं फैक्ट्री अधिनियम,1948 के तहत महिलाओ के लिए समान कार्य के लिए समान वेतन का प्रावधान है। बाल संरक्षण अधिकारी वीना सिंह द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान एवं स्वावलम्बन हेतु सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में जागरूक किया गया। चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, बस्ती श्री कौशल किशोर श्रीवास्तव एवं असिस्टेंट, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, बस्ती सुश्री दीप्ति पाण्डेय द्वारा लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अापराधिक न्याय प्रणाली के तहत ऐसे निरूद्ध बन्दियों को जो निर्धन व कमजोर वर्ग से हैं उन्हें रिमाण्ड, जमानत, विचारण के स्तर पर निःशुल्क कानूनी सहायता दी जा रही है। विधिक सहायता व सेवा कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क व सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करना है और यह सुनिश्चित करना कि आर्थिक व अन्य अक्षमताओं के कारण कोई भी नागरिक न्याय हासिल करने से वंचित न रहे। खण्ड विकास अधिकारी, साऊघाट, बस्ती श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव ने विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम को जन सामान्य के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम बाताते हुए कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। महिलाओं को उनके अधिकारों की जागरूकता से सम्बन्धित एडमिनिस्ट्रेटिव किट, पैम्पलेट, बुकलेट एवं रिफ्रेशमेन्ट सामग्री आदि का भी वितरण किया गया। इस अवसर पर 60 महिलाएं, स्थानीय पत्रकार, गणमान्य नागरिक आदि उपस्थित थे ॥