समाचार बस्ती यति नरसिंहानन्द सरस्वती, असमाजिक व्यक्ति द्वारा सन् 2021 में सम्प्रदायिक बयान देकर मुल्क में अमन व अमान के माहौल को दूषित करने का अनुचित प्रयास किया गया था। उस समय भी देश के जिम्मेदार नागरिकों द्वारा यति नरसिंहानन्द सरस्वती, के साम्प्रदायिक बयान का विरोध एवं निन्दा किया गया था। वर्तमान में अवगत कराना आवश्यक है कि पैगम्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब (पीस बी अपान हिम) की शान किसी पागल के अनुचित प्रयास से धूमिल नहीं हो सकती है। हर शख्स जानता है कि आसमान पर थूकने वाले का अन्जाम क्या होता है?
मक्का शहर में वलीद पुत्र मोगीरा नामक व्यक्ति द्वारा पैगम्बर साहब को मजनून (पागल) कहा गया। कुरान पाक में एक सूरत (चैपटर) नाजिल हुआ। जिसमें वलीद पुत्र मोगीरा के दस ऐब गिनाने के बाद कहा गया कि वह नुतफये ना तहकीक है। बाद में साबित हो गया कि वलीद पुत्र मोगीरा नुतफये ना तहकीक है।
मक्का शहर को फतह करने से पहले पैगम्बर साहब द्वारा मक्का शहर के सभी लोगो के लिये आम माफी का एलान कर दिया गया। पैगम्बर साहब और मुसलमानों के सब से बड़े दुशमन अबूजहल के पुत्र अकरमा जब मिलने के लिये आने वाले थे तब पैगम्बर साहब ने अपने पास बैठे हुये लोगों से फरमाया अकरमा के सामने अबूजहल की बुराई मत करना। अबूजहल मर चुका है उसको कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन बेटे को तकलीफ होगी। खुदावन्द करीम के फरमान के मुताबिक पैगम्बर साहब सारे आलम के लिये रहमत बनकर तशरीफ लाये हैं। उनसे किसी को कोई दिक्कत पहुँचे ऐसा हो नहीं सकता। इस्लाम हर तरह के जुल्म व नाइन्साफी को रद करता है।
पैगम्बर साहब से सभी मुसलमानों की अकीदत/आस्था का यह आलम है कि मुसलमान अपना सब कुछ और अपनी जान उनके लिये कुर्बान कर देगा। यति नरसिंहानन्द सरस्वती द्वारा दिये गये साम्प्रदायिक बयान से हर मुसलमान आहत है। मुसलमानों में बहुत बड़ी बैचेनी है कि यह सब क्यूँ और कैसे हो रहा है?
ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से गुज़ारिश की गयी है कि यति नरसिंहानन्द सरस्वती के साम्प्रदायिक बयान के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किया जाय। अंजुमन रज़ा ए मुस्तफा के सदर ओबाईदुर रहमान, अयूब अहमद मुशाहिंदी, हाजी पीर मोहम्मद सहित दर्जनों लोगो ने संयुक्त ज्ञापन डीएम के माध्यम से भेजा ॥