समाचार बस्ती जिले को वशिष्ठ नगर किए जाने की एक संगठित मुहिम चलेगी। चरणवार कार्यक्रमो की रूपरेखा तय कर ली गई है। एक बृहद कार्य योजना तैयार कर जनपद के सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों को जोड़ा जायेगा। भगवान श्रीराम के कुलगुरू महर्षि वशिष्ठ के नाम से जिला बनने से विश्व में बस्ती वासियों की प्रतिष्ठा बढ़ेगी तथा हमारा पौराणिक गौरव भी प्राप्त हो सकेगा। आपसी अभिवादन में हम लोग जय वशिष्ठ बोलेंगे।
उक्त बातें समाजसेवी राना दिनेश प्रताप सिंह ने आज सिविल लाइन स्थित अपने शहरी आवास जय शक्ति आश्रम पर एक प्रेस वार्ता में कहीं हैं। उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से बस्ती का नाम बदलने सम्बन्धी अनुरोध पत्र भेजा था, जिस पर प्रशासन द्वारा अवगत कराया गया था कि शासन को इस सन्दर्भ में प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज और अयोध्या धाम की तरह वशिष्ठ नगर भी बनना चाहिए। श्री राना ने बताया कि प्रथम चरण में सभी नगर निकायों, विकास खण्डों और जिला पंचायत के सदन से बस्ती का नाम बदल कर वशिष्ठ नगर किए जाने का प्रस्ताव पारित कराया जाएगा। जनप्रतिनिधियों को पत्र भेजकर समर्थन का आग्रह किया जाएगा। द्वितीय चरण में गोष्ठी, कवि सम्मेलन, ज्ञापन, पत्रक वितरण, और खेलों के माध्यम से आम जन को जोड़ा जाएगा। तृतीय चरण में व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर जन-समर्थन हासिल करेंगे। देश और दुनिया में निवासरत जनपद वासियों से वर्चुवल के माध्यम से संवाद स्थापित किए जायेगें। चौथे चरण में विभिन्न मन्दिरों में पूजा पाठ कर देवी देवताओं से आशीष प्राप्त किया जाएगा। पांचवे चरण में बस्ती से लखनऊ की पद यात्रा कर बस्ती वासियों की वर्षों पूर्व मांगो को पूरा करने के लिए सरकार से अनुरोध किया जाएगा।
श्री राना ने बताया कि वर्ष 2015 में तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरू स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज द्वारा बढ़नी मिश्र में महर्षि वशिष्ठ मन्दिर की आधार शिला रखी गई थी। मेरे अनुरोध पर जगतगुरू जी द्वारा यूपी के पर्यटन मंत्री जयबीर सिंह को दूरभाष पर वशिष्ठ मंदिर निर्माण में सहयोग की अपेक्षा पर लगभग डेढ़ करोड रूपए पर्यटन विभाग से आवंटित हुए जहां निर्माण कार्य जारी है। जिले के मेडिकल कॉलेज का नाम शासन द्वारा महर्षि वशिष्ठ जी के नाम पर रखा जा चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी गत वर्ष सांसद खेल महाकुंभ के उद्घाटन अवसर पर महर्षि वशिष्ठ की भूमि को नमन कर अपने सम्बोधन की शुरूआत किया था।